अंदाज़ अपना अपना (Hindi Article)

माशा-अल्लाह, क्या सुकून था उस आवाज़ में। मेरे तो रोंयें खड़े हो गए और दिल पिघल कर आँसू में बह गया। सच में, ऐसे प्रचारक, ऐसे प्रबंधक मुल्क के हर कोने में होने चाहिए। हर किसी के दिल में ये आवाज़ पहुँचनी चाहिए।

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